सबमिशन की समय सीमा को संशोधित कर 15 दिसंबर 2021 कर दिया गया है।

आयोजकों के संबंध में

आईआईआईडीईएम और जेजीएलएस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित

भारत निर्वाचन आयोग की निर्वाचन और लोकतंत्र पर वार्षिक राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता

प्रतियोगिता के संबंध में

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) भारत अंतरराष्‍ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्‍थान (आईआईआईडीईएम) के माध्‍यम से जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) के सहयोग से निर्वाचन और लोकतंत्र, पर भारत निर्वाचन आयोग की वार्षिक राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता के पहले संस्करण की घोषणा करता है। प्रविष्टियां हिंदी अथवा अंग्रेजी, दोनों में भेजी जा सकती हैं। आईआईआईडीईएम और जेजीएलएस द्वारा संयुक्‍त रूप से आयोजित की जाएगी और इसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्‍यताप्राप्‍त भारतीय विश्‍वविद्यालयों/संस्‍थानों/महाविद्यालयों में स्‍नातक-पूर्व, स्‍नातक (तीन/पांच वर्ष) और स्‍नातकोत्‍तर विधि पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले छात्र भाग ले सकते हैं। इस निबंध प्रतियोगिता का मुख्‍य उद्देश्‍य लॉ के विद्यार्थियों को प्रोत्‍साहित करना है ताकि वे भारत निर्वाचन आयोग आयोग को शासित करने वाली विधि के समसामयिक शोध और नए आयामों की खोज से जुड़ सकें।

आपको इसमें क्यों भाग लेना चाहिए :

  • आपके पास निर्वाचन विधि के क्षेत्र में अपने कानूनी ज्ञान और अनुसंधान कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर होगा।
  • इस प्रतियोगिता में निबंध प्रविष्टि प्रस्‍तुत करना आपके ज्ञान को बढ़ाने और आपके लेखन कौशल का परीक्षण करने का एक अवसर है।  
चुनावों के दौरान सोशल मीडिया विनियमों के लिए विधिक संरचना
चुनावी लोकतंत्र के संरक्षण और सुरक्षा में भारत निर्वाचन आयोग की भूमिका

सुगम्‍यता विवरण

इस वेब पेज https://eciessay.org/eci-hindi/को दिव्यांगजनों की विभिन्‍न आवश्यकताओं को पूरा करने के भरसक प्रयासों के साथ डिजाइन किया गया है। यूजर इंटरफ़ेस और समग्र डिज़ाइन “भारत सरकार की वेबसाइटों के लिए दिशानिर्देशों” का पालन करता है जिसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2009 में विकसित किया गया था और यह वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (डब्ल्यु3सी) द्वारा निर्धारित वेब कंटेंट एक्सेसिबिलिटी गाइडलाइंस (डब्ल्यूसीएजी) 2.0 लेवल एए में विनिर्दिष्‍ट प्रमुख सिद्धांतों का भी पालन करता है। इस वेब पेज की सामग्री को सभी के लिए सुलभ बनाने के अपने प्रयास में, हम दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 और वर्ष 2006 में अंगीकृत संयुक्‍त राष्‍ट्र दिव्यांगजन अधिकार अभिसमय (सीआरपीडी) के अनुच्छेद 9 (1) (बी) और 2 (जी) की भावना को परिपुष्‍ट करते हैं। हम आईसीटी पारिस्थितिक तंत्र को बढ़ाने के साथ-साथ “सार्वभौमिक सुलभता” हासिल करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं, जो दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (भारत सरकार), जिसे 2015 में शुरू किया गया था, के सुगम्‍य भारत अभियान, (सुगम्य भारत अभियान) के तहत प्रमुख अवधारणाओं में से एक था।

सभी प्रकार की दिव्यांग सहायता के लिए, कृपया हमें eciessaysupport@jgu.edu.in पर लिखें।

कॉपीराइट © ईसीआई | 2 अक्टूबर 2021 को वेबसाइट संशोधित
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